मुख्तार अंसारी, उत्तर प्रदेश के एक प्रमुख राजनेता और गैंगस्टर, कई वर्षों तक राजनीति में भूमिका निभाई। वे मऊ निर्वाचन क्षेत्र से पांच बार विधानसभा के सदस्य रहे, जिसमें दो बार बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा। उनके खिलाफ धन धोखाधड़ी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कार्रवाई की गई थी और वे गिरफ्तार हो गए थे।
28 मार्च 2024 को, यूपी के बांदा जेल में बंद माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की हालत अचानक खराब हो गई। उन्हें बेहोशी की स्थिति में रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड ले जाया गया। लेकिन इलाज के दौरान कार्डियक अटैक से उनकी मौत हो गई।
मऊ से पूर्व विधायक और माफिया डॉन मुख्तार को गाजीपुर के मोहम्मदाबाद स्थित कालीबाग कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया गया, प्रशासन के द्वारा सिर्फ परिवार के लोगों को ही मिट्टी देने की इजाजत दी गई। मुख्तार अंसारी की गुरुवार को मौत हो गई थी, जिसका कारण कार्डियक अरेस्ट बताया गया। बांदा मेडिकल कॉलेज में मुख्तार का पोस्टमार्टम हुआ, जिसके बाद उनके बेटे उमर अंसारी के साथ गाजीपुर लाया गया। मुख्तार की मौत के बाद गाजीपुर और मऊ समेत पूरे उत्तर प्रदेश में हाई अलर्ट है। पुलिस ने सभी जिलों में पहरा बढ़ा दिया है।
मुख्तार अंसारी का जन्म गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद में हुआ था। उनके पिता का नाम सुबहानउल्लाह अंसारी और मां का नाम बेगम राबिया था। गाजीपुर में उनके परिवार की पहचान एक राजनीतिक परिवार की है। मुख्तार अंसारी के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता सेनानी थे, जो कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे और गांधी जी के साथ काम करते हुए 1926-27 में भी अध्यक्ष रहे। मुख्तार के नाना ब्रिगेडियर मोहम्मद उस्मान को 1947 की लड़ाई में शहादत के लिए महावीर चक्र से नवाजा गया था।